Sunday, 8 March 2015

पल दो पल का जीवन .....

इंसान आज हंस रहा है , कल शायद वह नहीं होगा ... जिंदगी छिनते देर नहीं लगती ... आंख खुली , आंख बंद हुई , कब पता चला ... खुशियां कब मातम में तब्दील हो जाएं , किसे पता ? वक्त धीरे धीरे सिमटता जा रहा है ... चीजें सिकुड़ने को विवश हैं ... एक अजीब सी उलझन है ... इंसान की परछाईं साथ छोड़ने की तैयारी में है ... शायद गति थमने का तकाजा है ... जीवन जहां से चला था , समा जाएगा वहीं .......
सूरज सदा के लिए अस्त हो जायेगा ... तस्वीरों , यादों में रह जाएगा सिर्फ ... फिर कहा जायेगा या नहीं कि कोई हंसा था कभी यहां ... वाकई जीवन सिमट जाता है पल भर बिना इंसान को बताए कि वह जा रहा है , फिर वापस न आने के लिए ... कितना अजीब है यह सब ..........
पानी में बुलबुला उठता है ... उसका अस्तित्व भी होता है , पर केवल कुछ पल का ... वह कब छूट जाए , किसे पता ... जिंदगी मायने वाली होती है ... अनगिनत पड़ावों से गुजरती है जिंदगी ... कभी इठलाती , कभी ठगमगाती चलती है जिंदगी ... रिश्तों की डोर को थामे इस ओर से उस छोर ... खुद पर गुमान भी करती है जिंदगी ... पर अचानक सिमट भी जाती है जिंदगी ............
इंसान जाग रहा है ... सब दिख रहा है ... आंख लगने पर तो सब शून्य है ... चुटकी बजती है तो हंसी है , चुटकी बजती है तो मातम ... काया रह गयी, जीव को जहां जाना था चल पड़ा ............
मर्जी के मालिक हम नहीं हैं , केवल वह है जिसकी ही मर्जी चलती है ... वह ही चाहता है कि ऐसा हो , सो होता है ... यह उसका विधान ही तो है ... क्यों हम इंसानों का सिर ऊंचा उठकर हवा से बातें करने की कोशिश करता है ? समझ नहीं आता - इतना दंभ क्यों ? जब काया का कोई मोल नहीं रहने वाला , फिर इतनी सजवाट क्यों ? शायद तसल्ली के लिए ... मन की तसल्ली भी कुछ होती है ............
जिंदगी दिखती पल भर की है , लेकिन मामूली पलों से कितना कुछ कमाया जा सकता है , यह हम इंसानों पर निर्भर करता है ... आखिर एक एक पल कितने मायने वाला होता है इस जीवन में , यह हम क्यों भूल जाते हैं ............
उम्र कितनी है , शायद सही है ... उसमें कुछ खोया , कुछ पाया है ... जिया है हर पल , कभी खुशी थी , कभी गम ... कुछ जुड़ा , तो कहीं टूट भी हुई ... जीवन चलता रहा एक गति , कभी न ठहरने का वादा कर निंरतर ... शायद एक पल भारी था ... इंसान को उम्मीद है जब फिर कुछ खिलखिलायेगा ... तब वह एक बार तो जोर से हंसेगा ही क्योंकि उस पल का मोल होगा ... और जीवन को चाहिए ही क्या ??

No comments:

Post a Comment