Monday, 5 January 2015

Jaate-Jaate De Gaye..

sad-teenager-girl


जाते-जाते दे गए  ………… बहुत कुछ इस दुनिया को ,
माँगा क्या हमने , कुछ नहीं  ……. नहीं कुछ इस दुनिया से ।
जाते-जाते दिल ने समझा  ……… बहुत समझा इस दुनिया को ,
पाया क्या हमने , कुछ नहीं  ……… नहीं कुछ इस दुनिया से ।
जाते -जाते फिर से तोला  ………. बहुत तोला इस दुनिया को ,
पाया खुद को भारी , बहुत भारी  ………. इस दुनिया में ।
जाते-जाते आँखें बन गईं  ………… पत्थर सी इस दुनिया में ,
खोया क्या हमने , क्या था पाया  ……. यही सोचा इस दुनिया में ।
जाते-जाते लफ्ज़ बोले , कुछ ना बोले  ……… उसके आगे  ,
हर लफ्ज़ में एक कसक थी , बहुत कसक थी   ………उसे समझा के ।
जाते -जाते उसने टोका , बहुत रोका  ………. हमें आके ,
दे गए फिर भी , दगा उसको  ………. उसको दगा ये दामन चुरा के ।
जाते-जाते दुनिया समझे , बहुत समझे अब  ………… हमें पाके ,
जाना अब तय था , तो फिर कैसे ……. कैसे रूकती भला ये साँसें ?
जाते-जाते लोग पूछें , क्या दिया उनको ……… उनको कसम निभा के  ,
बोला पढ़ लेना , समझ लेना   ………मेरे दर्द को अंदर सज़ा के ।
जाते -जाते दफन कर दीं सब तमन्नाएँ ……….तमन्नाएँ सब उन्हें पाके  ,
थे न अब हम कुछ अधूरे , न थे वो पूरे   ………. हमसे नज़रें मिला के ।
जाते-जाते नम थी आँखें  , पलकें थी भारी   ………… उसके सपने सज़ा के  ,
टूटे सब सपने  , छूटे अपने  ……. जब रँगे उसके रंग में खुद को लाके ।
जाते-जाते बन गया फ़साना , एक फ़साना ……… उसका और मेरा यहाँ आके  ,
हर फ़साने को उसने पढ़ा दिल से , बहुत दिल से  ………मेरे करीब आके ।
जाते -जाते हमने सोचा , कुछ सोचा कि दें उसको  ……….उसकी वफ़ा का सिलसिला मुस्कुराके  ,
उसने चूमा , हमें चूमा अपने होठों से   ………. हमारे लबों को तब पास आके के ।
जाते-जाते वो पूछ बैठे कि अब बचा क्या बाकी  , जिसे देने से रह गए हम पछताते ,
हमने तब दे दी उसे अपनी उम्र  , बाकी की उम्र   ……. एक और फैसला सुना के ॥

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