इस कडकडाती ठंड में नहीं नहाने का बहाना करने
वालों के लिए स्नान करने के कुछ आसान तरीके,
आपको कौन सा तरीका पसंद है खुद चुन
लीजिए...........
,
1.....चोंच डुबा कर दो चार बूँदें हाथ में लेकर अपने
ऊपर छिड़कने को "चंचु" स्नान कहते हैं.....इस ठंड मे
ज़्यादातर लोग ये नीति अपनाते हैं...
.
2.....इससे भी श्रेष्ठ स्नान होता है "नल नमस्कार
स्नान" जो शीतॠतु में नल को "नमस्कार" करके
किया जाता है।
कई वीर साहस करके "नल" को "स्पर्श" कर लेते हैं। परंतु
ज्ञानी जन दुस्साहस की वर्जना करते हैं।
.
3.....इन सबसे सर्वश्रेष्ठ स्नान होता है। "जल स्मरण
स्नान" इस स्नान में परम ज्ञानी जन अपने बिस्तर में
बैठे बैठे "जल देवता" का स्मरण करते है।
'
4.... सबसे उत्तम स्नान है....किसी भी स्नान किए
हुए इंसान को दर्शन कर लीजिए..साक्षात स्नान
होने की अनुभूति होती....क्यूंकी आपने
तो सुना ही होगा..."जो तेरा है वो मेरा है....."
मतलब आपने स्नान कर लिया तो मुझे क्या ज़रूरत
है...??
उपरोक्त स्नानों से निम्न लाभ होते हैं।
(1)इन सभी स्नानों से जल बर्बाद नहीं होता है।
(2) हम इन सभी स्नानों के माध्यम से बहुत
बड़ी मात्रा में "अमूल्य जल" की बचत कर मानव
मात्र की सेवा कर सकते हैं।
.
आप भी करके देखिए बहुत पुण्य का काम है।
.
.
इस शीतॠतु में आप भी इस मैसेज को आगे भेजकर "जल
संरक्षण" के पुण्य कार्य में अपना अतुलनीय योगदान
देकर पुण्य-लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
वालों के लिए स्नान करने के कुछ आसान तरीके,
आपको कौन सा तरीका पसंद है खुद चुन
लीजिए...........
,
1.....चोंच डुबा कर दो चार बूँदें हाथ में लेकर अपने
ऊपर छिड़कने को "चंचु" स्नान कहते हैं.....इस ठंड मे
ज़्यादातर लोग ये नीति अपनाते हैं...
.
2.....इससे भी श्रेष्ठ स्नान होता है "नल नमस्कार
स्नान" जो शीतॠतु में नल को "नमस्कार" करके
किया जाता है।
कई वीर साहस करके "नल" को "स्पर्श" कर लेते हैं। परंतु
ज्ञानी जन दुस्साहस की वर्जना करते हैं।
.
3.....इन सबसे सर्वश्रेष्ठ स्नान होता है। "जल स्मरण
स्नान" इस स्नान में परम ज्ञानी जन अपने बिस्तर में
बैठे बैठे "जल देवता" का स्मरण करते है।
'
4.... सबसे उत्तम स्नान है....किसी भी स्नान किए
हुए इंसान को दर्शन कर लीजिए..साक्षात स्नान
होने की अनुभूति होती....क्यूंकी आपने
तो सुना ही होगा..."जो तेरा है वो मेरा है....."
मतलब आपने स्नान कर लिया तो मुझे क्या ज़रूरत
है...??
उपरोक्त स्नानों से निम्न लाभ होते हैं।
(1)इन सभी स्नानों से जल बर्बाद नहीं होता है।
(2) हम इन सभी स्नानों के माध्यम से बहुत
बड़ी मात्रा में "अमूल्य जल" की बचत कर मानव
मात्र की सेवा कर सकते हैं।
.
आप भी करके देखिए बहुत पुण्य का काम है।
.
.
इस शीतॠतु में आप भी इस मैसेज को आगे भेजकर "जल
संरक्षण" के पुण्य कार्य में अपना अतुलनीय योगदान
देकर पुण्य-लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
No comments:
Post a Comment